मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ

आत्मावलोकन

था इन्सान मगर मैने
खुद से खुद वैर किया है
शैतान तो खुद बन बैठा हूं
प्रभु को मैंने भुला दिया है
देखा न कभी मैंने खुद को
पूछता हूं, तू है कौन?
जान लूं मैं खुद को पहले
फिर पूछूं, बता तू है कौन?
दूसरों का चेहरा दिख जाता
अपना कभी दिखता नहीं
हर दोष दूसरों का दिख जाता
अपना एक भी दिखता नहीं
पहले दूसरों को न देख
"चेतन" तू खुद ही को देख
खुद की कर दूर बुराई
पहले दूसरों की अच्छाई देख


चेतन कौशल "नूरपुरी"

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