मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



आचार्य चाणक्य

 

विचारकों के कथन :-

राजनीति में हिस्सा न लेने का सबसे बड़ा दण्ड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगते हैं।
- आचार्य चाणक्य

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