मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



सदाचार

चेतन आत्मोवाच 66 :-

मुसीबत में करते जो आह नहीं, बुझने नहीं देते जो योगाग्नि को l
सदाचार होता है संग उनके, मनः सतगुरु पार भव सागर ले जाने को ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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