मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 7 स्व रचित रचनाएँ

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    4. वेद महिमा

    कश्मीर टाइम्स 3 अक्तूबर 2010 

    वेद भारती संस्कृति, वेद भारती समृद्धि, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भारती आयना, वेद भारती आत्मा, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भारती ज्ञान, वेद भारती विज्ञान, सत्यमेव-------सत्यमेव
    वेद आर्य कर्म, वेद आर्य धर्म, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद मान भारती, वेद प्राण भारती, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भू भारती, आर्य भू भारती, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भाग्य विधाता, वेद मुक्तिदाता, सत्यमेव------- जयते
    वेद प्रयास महान, जाने सकल जहान, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भू नमन, आर्य भू नमन, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते


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    2. हिंदी भाषा संकल्प

    मातृवन्दना सितम्बर 2010 

    हिंदी हो, हिन्द की भाषा,
    हिंदी से हिन्द की पहचान हो,
    हम सब बोलें भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    घर हो या दफ्तर,
    गली चाहे कोई दुकान हो,
    निःसंकोच हम बोलें भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    बात हो पत्र लिखने की
    या विज्ञापन प्रकाशन हो,
    लिखें हम भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    हिंदी जोड़े गांव-गांव
    अखंड भारत सजने दो,
    हिंदी छाए सारे जगत में,
    यही संकल्प हमारा हो
    अहिन्दी राज्य टकराना भूलें,
    राष्ट्रीय संचालन हिंदी हो,
    कोई बैरी न तोड़े प्यारा भारत,
    यही संकल्प हमारा हो
    हिंदी राज हो भारत में,
    अन्य भाषाओँ का भी सम्मान हो,
    जन-जन की हो भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो


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    1. स्वाधीन भारत में

    ज्ञान वार्ता छमाही 2010 

    पराधीन देश में, वो घड़ी लगती अच्छी थी
    स्थान-स्थान पर तिरंगा फहराने को
    लगाना जान की बाजी, लगती अच्छी थी
    आज गीत वन्दे मातरम् गाने को
    राष्ट्रीय गान का, अपमान हो रहा क्यों ?
    हमारे स्वाधीन भारत में !
    आतंकी संसद पर हमला हैं करते
    हम आर-पार की लड़ाई करने की हैं सोचा करते
    उस पर हमला न करो, वो हैं कहते
    हम सेना को वापिस हैं बुलाया करते
    देश की स्वतंत्रता सुरक्षित रहेगी कैसे ?
    हमारे स्वाधीन भारत में !
    राष्ट्रीय आर्थिक नीतियां बनती हैं
    विश्व बैंक की अनुमति लेने से
    सब्सिडी देनी या हटानी होती है
    विश्व व्यपार संगठन की सहमती से
    देश का आर्थिक विकास होगा कैसे ?
    हमारे स्वाधीन भारत में !
    जिस गाँव में परिवार की बेटी व्याही जाति थी
    उस गाँव का, गाँव वाले जल ग्रहण नहीं करते थे
    परिवार की बेटी, गाँव की बेटी होती थी
    लोग गाँव में नारी सम्मान किया करते थे
    आज परिवार की बेटी को, बुरी नजर से बचाएगा कौन ?
    हमारे स्वाधीन भारत में !
    मठ, मंदिर की आय पर कर लगने की तैयारी हो रही
    राजनेताओं द्वारा धार्मिक सत्ता को चुनौती दी जा रही
    देश की सीमाएं सिकुड़ती जा रहीं
    देश की सुरक्षा खतरे में घिरती जा रही
    राष्ट्रीय सुरक्षा के उपायों पर राजनीति कर रहा कौन ?
    हमारे स्वाधीन भारत में !


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    1. संपर्क भाषा

    ज्ञान वार्ता छमाही 2010  

    मेरे मन भाया तेरा विचार, भाषा हिंदी
    इसकी लिपी बनी भाषा उसकी, भाषा हिंदी
    हिन्द की सम्पर्क भाषा, भाषा हिंदी

    फोन कन्याकुमारी से पहुँचता कश्मीर, भाषा हिंदी
    फैक्स गुजरात से पहुँचती आसाम, भाषा हिंदी
    हिन्द की सम्पर्क भाषा, भाषा हिंदी

    हर व्यक्ति की साँस, हिन्द की धड़कन, भाषा हिंदी
    हर स्थान की बोल, हिन्द की पहचान, भाषा हिंदी
    हिन्द की सम्पर्क भाषा, भाषा हिंदी

    हम बोल - लिख सकते, भाषा हिंदी
    हम सीखकर कार्य कर सकते, भाषा हिंदी
    हिन्द की सम्पर्क भाषा, भाषा हिंदी

    हम मनाएंगे नहीं पखवाड़े, सब जानते भाषा हिंदी
    सरकारी, गैर सरकारी कार्य करेंगे पूरे साल, भाषा हिंदी
    हिन्द की सम्पर्क भाषा, भाषा हिंदी


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    3. चोर

    21 मार्च 2010 कश्मीर टाइम्स

    काला होता है मन मेरा, काला ही सबको कहता हूँ,
    चोर भाव छुपाता है मन मेरा, चोर ही सबको कहता हूँ,
    नजर मेरी सबको देखती है, पर खुद को न कभी देख पाई है,
    ढूंढता हूँ बाहर, छुपाए चोर भीतर, नहीं बात समझ में आई है,
    चोर हूँ, क्यों न चोरी छोड़ूँ! कुछ ऐसे भी कर लूँ काम,
    सज्जन मैं भी बन जाऊं, दुर्जनों के सब छोड़ दूँ काम,
    छोटी-छोटी चीज के लिये, क्यों नियत खराब कर लूँ मैं?
    इज्जत हो जमाने में मेरी भी, वस्तु पूछकर क्यों न ले लूँ मैं?