मातृवंदना दिसम्बर 2009
स्वदेशी पका, पौष्टिक, ताजा खाने वालो!
तुम फास्ट-फूड खाते हो क्यों ?
पहले सदा अरोग्य ओर स्वस्थ रहते थे,
अब तुम रोगी बन रहे हो क्यों?
फास्ट-फूड है विदेशी खाना,
कोई नहीं कहता, यह भारत के हैं पकवान,
पकवान स्वदेशी छोड़, तुम खाते विदेशी पकवान
कोई नही कहेगा,तुम्हें स्वदेश से है ममता महान
श्रेणी: कवितायें
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3. स्वदेश प्रेम
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19. मुसाफिर हो
कश्मीर टाइम्स 6 दिसंबर 2009
आने वाले आते हैं,
जाने वाले जाते हैं,
आना, जाना खेल दुनियां का,
खेल है, पल दो पल का,
दुनियां का जाना पहचाना है,
मुसाफिर हो, जाना है
सभी संग प्रेम करने वाले,
हर काम बखूबी करने वाले,
कुछ खट्टी यादें,
कुछ मीठी यादें,
बस यहां यादों ने रह जाना है,
मुसाफिर हो, जाना है
कहने वाले कहते रहेंगे,
सुनने वाले सुनते रहेंगे,
गिले शिकवे होते रहेंगे,
मन मुटाव होते रहेंगे,
पर कड़वी बात भूल जाना है,
मुसाफिर हो, जाना है
जाने वाले खुशी से जाना,
मन अपना मैला न ले जाना,
जहां भी रहना, खुशी से रहना,
काम अपना खुशी से करना,
निज जीवन में, आगे बहुत जाना है,
मुसाफिर हो, जाना है
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18. रक्षा – सुरक्षा
कश्मीर टाइम्स 22 नवम्बर 2009
मेहनती पिसे चक्की,
चापलूस मारे फक्के,
राज करे महामूर्ख,
ज्ञानी खाए धक्के
अत्याचार शोषण के साए में,
जनहित दीखता है कहां?
भय अन्याय के साम्राज्य में,
जानमाल सुरक्षित होता है कहां?
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17. मेहनती
कश्मीर टाइम्स 15 नवंबर 2009
पहाड़ों को समतल करने वाले,
बाधाओं से कब डरते हैं?
खुद करते है हाथ, कार्य करने वाले,
निर्धनता, बेरोजगारी दूर करते हैं
मेहनती हाथों से कार्य करने वाले,
जिंदगी में मौत से कहां डरते है?
मन से राम नाम जपते हैं,
ईश्वर का साक्षात्कार करते हैं
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16. क्या भारत ?
कश्मीर टाइम्स 1 नवम्बर 2009
विदेशों में कालाधन पहुंचाने से,
चंद सिक्कों में स्वयं बिक जाने से,
सस्ते में राष्ट्रीय सुख-शांति बिकवाने से,
क्या भारत बना महान है?
आज़ादी लेने हेतु रात-दिन तड़पने से,
भूखे रहकर फांसी पर चढ़ जाने से,
गोलियां खाकर शहीद हो जाने से,
क्या भारत बना महान है?
जगह जगह भाषा-भाषी मधुर संम्पर्क से,
पग-पग पर धार्मिक सौहार्द से,
मानव जाति सम्मान करने से,
क्या भारत बना महान है ?
कुपोषितों को स्वस्थ बनाने से,
बेरोजगारों तक रोजगार पहुंचाने से,
उत्तम शिक्षा, सुरक्षा वातावरण बनाने से,
क्या भारत बना महान है?