कुछ तो अवश्य मिलेगा, तू पहले कर्म कर l
फल तुझे जरुर मिलेगा, मनः पहले पूरा फर्ज कर ll
मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l
मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना ll
चाहे चन्दन डालो, चाहे सादा इंधन, बस देह का संस्कार होगा l
अमीर-गरीब का भेद यहाँ, मनः आगे हिसाब कर्म का होगा ll
सत्य है तुझसे जुदा नहीं, वह तुझ में ही समाया है l
तार सितार से जुदा नहीं, मनः आवाज सितार से ही आया है ll