झूठ, चोरी, चुगली का तू कभी न करना साथ l
उच्च जीवन नहीं बनता इनसे, मनः पीछे न मलना हाथ ll
श्रेणी: 5 विविध
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श्रेणी:आत्म वाचन
साथ तेरे
पुरुषार्थ कर, हिम्मत रख, कोई भी तेरे साथ नहीं l
मंजिल तुझे जरूर मिलेगी, मनः चाहे कोई भी तेरे साथ नहीं ll
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श्रेणी:आत्म वाचन
दिल इन्सान का
मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च से बड़ा है दिल इन्सान का l
भगवान् अवश्य मिल जाता, मनः तू दिल न दुखाता इन्सान का ll