शारीरिक गुलामी से बौद्धिक गुलामी अधिक भंयकर होती है।
श्रेणी: विचारकों के कथन
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श्रेणी:विचारकों के कथन
स्वामी दयानन्द सरस्वती
ताकतवर होने के लिए अपनी शक्ति में भरोसा रखना जरूरी है, वैसे व्यक्तियों से अधिक कमजोर कोई नहीं होता, जिन्हें अपने सामर्थ्य पर भरोसा नहीं होता।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
आचार्य चाणक्य
एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर न रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।
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श्रेणी:विचारकों के कथन
साध्वी संगीता
जेएनयू में जो लड़कियां देशद्रोही नारेबाजी कर रही थीं, उनके लिए मैं सिर्फ यही कहूंगी कि तुमसे अच्छी तवायफ होती है, जो जिस्म बेचती है, देश नहीं।