मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: विचारकों के कथन

  • श्रेणी:

    स्वामी रामतीर्थ

    विचारकों के कथन :-

    जंजीरें, जंजीरें ही होती हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।
    - स्वामी रामतीर्थ

  • श्रेणी:

    डा0 शंकरदयाल शर्मा

    विचारकों के कथन :-

    सहिष्णुता और समझदारी संसदीय लोकतंत्र के लिए उतने हीआवश्यक हैं, जितने संतुलन और मर्यादित चेतना।
    - डा0 शंकरदयाल शर्मा

  • श्रेणी:

    डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्ण

    विचारकों के कथन :-

    साहित्य का कर्तव्य केवल ज्ञान देना नहीं है, परंतु एक नया वातावरण देना भी है।
    - डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्ण

  • श्रेणी:

    विनोबा भावे

    विचारकों के कथन :-

    द्वेष की बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है।
    - विनोबा भावे

  • श्रेणी:

    काका कालेकर

    विचारकों के कथन :-

    सयंम संस्कृति का मूल है। विलासिता, निर्बलता, और चाटुकारिता के वातावरण में न तो संस्कृति का उद्भव होता है और न विकास का।
    - काका कालेकर