आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?
तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है ll
श्रेणी: आत्म वाचन
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श्रेणी:आत्म वाचन
आशाओं का अँधेरा
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आशाओं के घोर अँधेरे में, क्यों खो गया तेरा जीवन है ?
तालाश खुद की खुद कर, मनः नाहक बना क्यों दीन-हीन है ll