मानवता सेवा की गतिविधियाँ
पत्थर रख सीने पर, मोड़ दे दिशा लहरों की lकाम नहीं है कठिन, मनः बात है प्यारे हिम्मत की ll
चेतन कौशल
ओला गिरता जल में, बन जायेगा पानी lबर्फ पर लिखी जिन्दगी तेरी, मनः एक दिन बन जाएगी पानी ll
आग से खेलता है क्यों? वह रख बनाया करती है lतू इर्ष्या करता है क्यों ? मनः हँसते हुए को रुलाया करती है ll
जान सके तो जान, सत्य ही है भगवान् lजायेगा तू पहचान, मनः थोड़ा-थोड़ा कर ध्यान ll
आलस्य, झूठ, और अभिमान तीनों हैं तेरे शत्रु महान lएक को भी निकट न आने देना, मनः सुन ले तू देकर ध्यान ll