मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 5 विविध

  • श्रेणी:

    ईश्वर दर्शन

    # जैसे रात में विचरण करने वाले उल्लू को दिन में दिखाई नहीं देता है, वैसे ही संसारिक सुख में मस्त रहने वाले को ईश्वर के भी दिव्य दर्शन नहीं होते है।*


  • श्रेणी:

    आश्चर्य

    वास्तव में अँधा सूरदास नहीं, अँधा वो है जिसे सत्य नहीं दिखता l 
    सूरदास ईश्वर दर्शन करता है और आँखों वाला पूछता है - ईश्वर कहाँ है !


  • श्रेणी:

    प्रभु प्रमाण

    हजार करो तीर्थ, लाख करो स्नान, जिसका हृदय साफ नहीं, कैसे प्रत्यक्ष मिले प्रभु प्रमाण ? 


  • श्रेणी:

    जाति भेद – भाव

    मानव जाति भेद-भाव की दीवारें तोड़ो, 
    जन-जन का मानव संग नाता जोड़ो l


  • श्रेणी:

    चरित्रवान



    इन्सान बना वही, लिया जिसने खुद को पहचान l
    फूंक-फूंककर हर कदम चले, मनः दाग से बचे चरित्रवान ll