मानवता सेवा की गतिविधियाँ
वह संतान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है lकर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की सच्ची कड़ी है ll
चेतन कौशल
सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है lजहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है ll
बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं lदर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं ll
राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है lदुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता ll
गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है lबुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ll