मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: आत्म वाचन

  • श्रेणी:

    हिम्मत


    पत्थर रख सीने पर, मोड़ दे दिशा लहरों की l
    काम नहीं है कठिन, मनः बात है प्यारे हिम्मत की ll


  • श्रेणी:

    जिन्दगी


    ओला गिरता जल में, बन जायेगा पानी l
    बर्फ पर लिखी जिन्दगी तेरी, मनः एक दिन बन जाएगी पानी ll

  • श्रेणी:

    ईर्ष्या


    आग से खेलता है क्यों? वह रख बनाया करती है l
    तू इर्ष्या करता है क्यों ? मनः हँसते हुए को रुलाया करती है ll


  • श्रेणी:

    सत्य


    जान सके तो जान, सत्य ही है भगवान् l
    जायेगा तू पहचान, मनः थोड़ा-थोड़ा कर ध्यान ll


  • श्रेणी:

    तीन शत्रु


    आलस्य, झूठ, और अभिमान तीनों हैं तेरे शत्रु महान l
    एक को भी निकट न आने देना, मनः सुन ले तू देकर ध्यान ll