मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: आत्म वाचन

  • श्रेणी:

    मेहनत


    कली बनता गुल, गुल खिलता है काँटों में l
    अभ्यास बनता है मेहनत, मनः होती नहीं मेहनत बातों में ll


  • श्रेणी:

    अक्कल का गुल


    महंदी रंग लाती है पत्थर पर घिसने के बाद l
    अक्कल का गुल खिलता है, मनः ठोकर खाने के बाद ll

  • श्रेणी:

    भेंट देने के बाद


    कुछ मिलता है, भेंट देने के बाद l
    तोडना पड़ता है नाता, मनः भुलानी पड़ती है याद ll


  • श्रेणी:

    जीवन आधार


    शुद्ध आचार, शुद्ध आहार l
    जीवन आधार, मनः शुद्ध व्यवहार ll


  • श्रेणी:

    विकारी मन


    विकारी कमजोर मन कभी सुमिरन काम न कर पाए l
    रंग बदले गिरगिट सम, मनः रंग एक आये, एक जाये ll