मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: आत्म वाचन

  • श्रेणी:

    संतान


    वह संतान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है l
    कर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की सच्ची कड़ी है ll




  • श्रेणी:

    सहारा


    सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है l
    जहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है ll


  • श्रेणी:

    प्रेम


    बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं l
    दर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं ll


  • श्रेणी:

    फ़कीर

    राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है l
    दुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता
    ll

  • श्रेणी:

    बुरे दिन


    गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है l
    बुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ll