कह गया कोई संत प्यारा , तू हृदय की शुद्धि कर ले l
सदाचार का पालन कर, मनः पहले दोषों से दूरी कर ले l
श्रेणी: आत्म वाचन
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श्रेणी:आत्म वाचन
मेहमान न बन
मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l
मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना ll
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श्रेणी:आत्म वाचन
चाहे चन्दन डालो
चाहे चन्दन डालो, चाहे सादा इंधन, बस देह का संस्कार होगा l
अमीर-गरीब का भेद यहाँ, मनः आगे हिसाब कर्म का होगा ll