मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 4 मानव

  • श्रेणी:

    परिवार

    नारी आभाव -
    जब कोई दो पहिया वाहन किसी एक पहिये के बिना नहीं चल सकता है तो नारी अभाव में परिवार मात्र नर से कैसे चल सकता है !

    परिवार –
    - जिस परिवार में आपसी प्रेम, सोहार्द व् शान्ति नहीं, उस घर की समस्त सुख-सुविधाएं किस काम की l
    - परिवार एक वह ठोस इकाई है जिससे समाज, राष्ट्र और विश्व की संरचना होती है l
    - पारिवारिक मतभेदों को परिवार में ही समाप्त कर लेना बुद्धिमानी है l
    - पारिवारिक झगड़ों से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, से बचना चाहिए l
    - परिवार में बड़ों का उचित सम्मान और उनसे शिष्ट व्यवहार करने से जीवन - मार्गदर्शन मिलता है l
    - आपसी झगड़ों व् तनाव से परिवारों को हानि पहुँचती है जबकि दुश्मन को लाभ होता है l
    - पारिवारिक झगड़ों से परिवार का युवा मानसिक रूप से टूट जाता है l


  • श्रेणी:

    मानव

    प्राणी जातियां – 
    विश्वभर में विभिन्न प्राणियों की अनेकों जातियां पाई जाती हैं l उन जातियों में मानव भी एक जाति है जो अन्य प्राणियों से भिन्न है - दो हाथ, दो पैर, मुंह, नाक, कान, आँखें अर्थात वह पांच कर्मेन्द्रियाँ पांच ज्ञानेन्द्रियाँ, मन, बुद्धि, अहंकार का स्वामी है l जैसे गाये को भैंस और भैंस को बकरी नहीं बनाया जा सकता उसी प्रकार मनुष्य को भी किसी अन्य जाति में परिवर्तित नहीं किया जा सकता l
    अच्छे कार्य -
    दूसरों के जीवन में कांटे बिछाकर कोई भी व्यक्ति अपनी, या अपने परिवार की उन्नति नहीं कर सकता, सबके हित में अच्छे कार्य करना अति आवश्यक हैं l
    व्यक्तित्व निर्माण -
    अच्छे संस्कारों से ही एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण हो सकता है l




  • श्रेणी:

    सशक्त मानव


    जीवन लक्ष्य
    जीवन लक्ष्य की प्राप्ति, चुनौतियों का सामना किये बिना संभव नहीं l
    जीवन सार
    जीवन – सार सबकी समझ में आने वाली वस्तु नहीं है l वह सत्य है और ये झूठ l वह दिन है और ये रात l


  • श्रेणी:

    सात्विक बुद्धि

    वेद और वैदिक ज्ञान के बिना मनुष्य जाति में सात्विक बुद्धि नहीं आ सकती l 

  • श्रेणी:

    एकाकी परिवार

    परंपरागत संयुक्त परिवार से वर्तमान एकाकी परिवार बहुत भिन्न हैं । इनमें मात्र माता - पिता और नौकर - चाकर ही होते हैं । पिता नौकरी करता है और माता घर का सब कार्य करती है या दोनों ही नौकरी करने बहार जाते हैं । अगर वे दोनों नौकरी करते हों तो घर और बच्चे की देख भाल के लिए उन्हें दूसरों पर या मात्र नौकर, आया या नौकरानी पर निर्भर रहना पड़ता है, जिनसे उन्हें संकट का भी सामना करना पड़ सकता है l