मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: परिवार

  • श्रेणी:

    माता – पिता 


    माता-पिता –
    गुरु माता – पिता बच्चे को वेद सम्मत संस्कार देते हैं । इसके साथ ही साथ वे परिवार/समाज का निर्माण/कल्याण भी करते हैं । जिस प्रकार महिला अपने परिवार और समाज की आंतरिक जिम्मेदारियों को भली प्रकार संभालती है, ठीक उसी प्रकार पुरुष भी परिवार हित में बाह्य जिम्मेदारियों को संभालते हैं ।परिवार में माता – पिता द्वारा संस्कारित, गुरु द्वारा दीक्षित और अध्यापक द्वारा शिक्षित – प्रशिक्षित स्नातक युवा ही अपने जीवन की चुनौतियों, बधाओं, कठिनाइयों और दुःख – सुख का धैर्य और साहस के साथ सामना करने में सक्षम होते हैं । इससे वे सामाजिक एवंम राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को भी भली प्रकार निभाते हैं ।

    भ्रूण हत्या –
    अगर बेटी का कोई अपराध ही नहीं तो माँ-बाप उसे जन्म लेने से पहले मार क्यों देते हैं ? ऐसा करने से कहीं उनका सम्मान बढ़ता है क्या ?
    भ्रूण-हत्या को सदा के लिए भूल ही जाना होगा, ये किसी सभ्य समाज की संस्कृति नहीं है l
    बेटे की लालसा में बेटी की भ्रूण-हत्या एक जघन्य अपराध नहीं तो और क्या है ?
    पहले अभिभावक उस बेटी का अपराध तो बताएं, जिसे वे जन्म लेने से पहले उसे मार देना चाहते हैं l
    जन्म लेने से पूर्व बेटी की हत्या करके, समाज में नर- नारी असंतुलन बढ़ाकर माँ-बाप अपना कौनसा दायित्व पूरा कर लेंगे ?


    सुरक्षा कवच –
    माता-पिता के मन से निकला हुआ प्रत्येक आशीर्वाद सन्तान के लिए जन्म-जन्मान्तरण तक सुरक्षा कवच बन जाता है l