मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: घर

  • श्रेणी:

    घर

    नारी एक - रूप अनेक -
    माँ, बहन, बहु और बेटी से ही हर घर संवरता है, इन्हें हर परिवार में उचित सम्मान मिलना चाहिए l
    घर स्वर्ग –
    धरती पर वह घर स्वर्ग समान है, जहाँ बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते हैं l
    घर तीर्थ –
    जो सन्तान आज्ञाकारी है, अपने माता-पिता की सेवा करती है, उसे किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं, वह घर स्वयं तीर्थ होता है l
    चिड़ियाँ रैन बसेरा –
    यह घर न तेरा है न मेरा है, चिड़ियों का रैन बसेरा है l