मानवता

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श्रेणी: कवितायें

  • श्रेणी:

    वर्षाजल संचयन

    भूजल न्यूज़ लेटर 2006-2007 

    की एक-एक बून्द को
    भू भीतर पहुँचाना है,
    भू के जलस्तर को
    ऊपर लाना है,
    वर्षा जल संचयन करता
    भू जल पुनर्भरण,
    प्राणी जीवन सुरक्षित रहता है,
    होता है सबका संवर्धन,
    पेड़, पौधे, झाड़ों को मेड़ पर उगाओ,
    बहते पानी को अवरोध लगाओ,
    भूक्षरण को रोको,
    बसुधा पर स्वर्ग बसाओ,


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    देश हमारा

    मातृवन्दना सितम्बर 2014  

    जन-जन का देख भाई चारा,
    विश्व हुआ हैरान है
    दवी जुवान से प्रसंशा करता,
    भारत की पहचान है
    वन्दे मातरम--------- वन्दे मातरम
    तरह तरह के फूल इसके,
    फूलदान में सब एक हैं
    सुगंध फैलाते चहुं ओर अपनी,
    भारत की पहचान है
    वन्दे मातरम--------------वन्दे मातरम
    खेलना इन्हें पसंद तूफानों से,
    खुदको मिटा देना शान से
    आन बान शान बनाए रखना,
    भारत की पहचान है
    वन्दे मातरम---------- वन्दे मातरम
    बुरी नजर से न देखे कोई,
    जनजन यहां भाईचारा है
    प्रेमसागर डूबा लेता सबको,
    भारत की पहचान है
    वन्दे मातरम ---------वन्दे मातरम
    प्रेमबन्धन से कठोर न कोई,
    प्रभु भी खींचे चले आते हैं
    ईश्वर प्रेमी निहारे कोई,
    भारत की पहचान है
    वन्दे मातरम-------- वन्दे मातरम
    सितंबर 2014 मातृवंदना


    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    भारत माँ

    मातृवन्दना नवम्बर 2010 

    तू धरती, हमारी माता,
    गुण तेरे सारा जग गाता,
    करते हैं हम तुझे प्रणाम,
    भारत माँ -------------भारत माँ,
    सागसब्जी, तू तिलहन उपजाती,
    अनाज, कंदमूल हमें खिलाती,
    तू माँ, हम तेरी संतान,
    भारत माँ -------------भारत माँ
    तुझे दुःख हमसे मिलते,
    युग बीत गए पीड़ा सहते,
    तू देती नहीं ध्यान,
    भारत माँ --------भारत माँ
    पूत कपूत हो जाता,
    पर नहीं होती माता, कुमाता,
    तू करती सबका गुणगान,
    भारत माँ ---------भारत माँ
    मन आता, जा दुश्मन से टकराएँ,
    करनी का सबक, उसे सिखाएं,
    दुश्मनी का वह भूल जाए नाम,
    भारत माँ ------------भारत माँ

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    वेद महिमा

    कश्मीर टाइम्स 3 अक्तूबर 2010 

    वेद भारती संस्कृति, वेद भारती समृद्धि, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भारती आयना, वेद भारती आत्मा, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भारती ज्ञान, वेद भारती विज्ञान, सत्यमेव-------सत्यमेव
    वेद आर्य कर्म, वेद आर्य धर्म, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद मान भारती, वेद प्राण भारती, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भू भारती, आर्य भू भारती, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भाग्य विधाता, वेद मुक्तिदाता, सत्यमेव------- जयते
    वेद प्रयास महान, जाने सकल जहान, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते
    वेद भू नमन, आर्य भू नमन, सत्यमेव जयते-------सत्यमेव जयते

    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    हिंदी भाषा संकल्प

    मातृवन्दना सितम्बर 2010 

    हिंदी हो, हिन्द की भाषा,
    हिंदी से हिन्द की पहचान हो,
    हम सब बोलें भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    घर हो या दफ्तर,
    गली चाहे कोई दुकान हो,
    निःसंकोच हम बोलें भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    बात हो पत्र लिखने की
    या विज्ञापन प्रकाशन हो,
    लिखें हम भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो
    हिंदी जोड़े गांव-गांव
    अखंड भारत सजने दो,
    हिंदी छाए सारे जगत में,
    यही संकल्प हमारा हो
    अहिन्दी राज्य टकराना भूलें,
    राष्ट्रीय संचालन हिंदी हो,
    कोई बैरी न तोड़े प्यारा भारत,
    यही संकल्प हमारा हो
    हिंदी राज हो भारत में,
    अन्य भाषाओँ का भी सम्मान हो,
    जन-जन की हो भाषा हिंदी,
    यही संकल्प हमारा हो

    चेतन कौशल "नूरपुरी"