मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: 2 अखंड भारत

  • श्रेणी:

    शिक्षा

    गुरु - शिष्य के जिस संयुक्त प्रयास से शिष्य के जीवन का चहुँमुखी अर्थात शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का विकास होता है , शिक्षा कहलाती है l 


  • श्रेणी:

    परिश्रम बिना


    खोज जिसे होती है, मंजिल पा ही लेता है l
    परिश्रम बिना जो ढूंढता है, मनः जीवन नष्ट कर लेता है ll


  • श्रेणी:

    मेहनत


    कली बनता गुल, गुल खिलता है काँटों में l
    अभ्यास बनता है मेहनत, मनः होती नहीं मेहनत बातों में ll


  • श्रेणी:

    चैन की वंशी


    चैन की बंशी बजेगी, जब भ्रष्टाचार का होगा दूर अँधेरा l
    सदाचार का पालन करेगा बच्चा-बच्चा, मनः होगा फिर नया सवेरा ll


  • श्रेणी:

    हिम्मत


    पत्थर रख सीने पर, मोड़ दे दिशा लहरों की l
    काम नहीं है कठिन, मनः बात है प्यारे हिम्मत की ll