मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: सशक्त मानव

  • श्रेणी:

    मेहमान न बन

    चेतन आत्मोवाच 7 :-

    मेहमान न बन तू किसीका, रोजाना न कर तू आना जाना l

    मेहमान तू रहेगा नहीं, मनः बहुतों ने तो कुत्ता माना ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    चाहे चन्दन डालो

    चेतन आत्मोवाच 6 :-

    चाहे चन्दन डालो, चाहे सादा इंधन, बस देह का संस्कार होगा l

    अमीर-गरीब का भेद यहाँ, मनः आगे हिसाब कर्म का होगा ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    खोखला ढोल

    चेतन आत्मोवाच  5 :- 

    खोखला ढोल ढम-ढम करता, गाना तो वह गा नहीं सकता l

    तू शोर धर्म का करता, मनः जब उस पर चल नहीं सकता ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"



  • श्रेणी:

    सत्य है तुझसे

    चेतन आत्मोवाच 4 :-

    सत्य है तुझसे जुदा नहीं, वह तुझ में ही समाया है l

    तार सितार से जुदा नहीं, मनः आवाज सितार से ही आया है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    कभी-कभी

    चेतन आत्मोवाच 3 :-

    कभी-कभी ऐसा हो गया, भ्रम में अँधेरा, प्रकाश हो गया l

    अँधेरा तो अँधेरा ही रहा, पर मनः तू भ्रष्ट राही हो गया ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"