मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: मानव जीवन

  • श्रेणी:

    बुराई


    पहले उनको न देख, खुद को ही देख l
    खुद की कर दूर बुराई, मनः उनकी अच्छाई देख ll


  • श्रेणी:

    गुम राह


    नहीं रास्ता जानता तो उस पर चलना मत l
    गुम राह तू हो जायेगा, मनः दूसरों को गुमराह करना मत ll


  • श्रेणी:

    लूट सके तो


    लूट सके तो लूट ले तू, भरा है ज्ञान का भंडार l
    है प्रकृति अमोल खजाना, मनः कर ले तू उससे प्यार ll


  • श्रेणी:

    सत्य का राही


    सदग्रन्थ खोल, पढ़ ले जरा, तेरा कल्याण हो जायेगा l
    सत्याचरण करता चल, मनः तू सत्य राही हो जायेगा ll


  • श्रेणी:

    अच्छा है


    अच्छा है काम करना, बनना मात्र वक्ता नहीं l
    वक्ता बन गया है जो आज, मनः देख वो काम करता नहीं ll