मानवता सेवा की गतिविधियाँ
पहले उनको न देख, खुद को ही देख l खुद की कर दूर बुराई, मनः उनकी अच्छाई देख ll
चेतन कौशल
नहीं रास्ता जानता तो उस पर चलना मत l गुम राह तू हो जायेगा, मनः दूसरों को गुमराह करना मत ll
लूट सके तो लूट ले तू, भरा है ज्ञान का भंडार lहै प्रकृति अमोल खजाना, मनः कर ले तू उससे प्यार ll
सदग्रन्थ खोल, पढ़ ले जरा, तेरा कल्याण हो जायेगा lसत्याचरण करता चल, मनः तू सत्य राही हो जायेगा ll
अच्छा है काम करना, बनना मात्र वक्ता नहीं lवक्ता बन गया है जो आज, मनः देख वो काम करता नहीं ll