मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: मानव जीवन

  • श्रेणी:

    भेंट देने के बाद


    कुछ मिलता है, भेंट देने के बाद l
    तोडना पड़ता है नाता, मनः भुलानी पड़ती है याद ll


  • श्रेणी:

    जीवन आधार


    शुद्ध आचार, शुद्ध आहार l
    जीवन आधार, मनः शुद्ध व्यवहार ll


  • श्रेणी:

    अपने हित की बात


    सदा चोट खाता है, तू बातों में गैरों की आ जाता है l
    तेरे हित की होती हैं अपनी, मनः बात हितैषी की भूल जाता है ll


  • श्रेणी:

    जिन्दगी


    ओला गिरता जल में, बन जायेगा पानी l
    बर्फ पर लिखी जिन्दगी तेरी, मनः एक दिन बन जाएगी पानी ll

  • श्रेणी:

    ईर्ष्या


    आग से खेलता है क्यों? वह रख बनाया करती है l
    तू इर्ष्या करता है क्यों ? मनः हँसते हुए को रुलाया करती है ll