मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: सशक्त मानव

  • श्रेणी:

    श्रेष्ठ साहित्य



    श्रेष्ठ साहित्य है कामधेनु, दूध सम देता है शक्ति l
    ज्ञानी की बात छोड़ो, मनः मुर्ख भी करने लगता है भक्ति l




  • श्रेणी:

    मानसिक विकार


    काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार l
    इधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार ll


  • श्रेणी:

    सहारा


    सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है l
    जहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है ll


  • श्रेणी:

    प्रेम


    बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं l
    दर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं ll


  • श्रेणी:

    फ़कीर

    राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है l
    दुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता
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