इस अवस्था में बच्चे का ज्ञान और विवेक अपरिपक्व होता है l अच्छे बुरे या निषिद्ध कार्य का सही आंकलन नहीं होता है l वह जो भी कार्य करता है - उसे अच्छे बुरे या निषिद्ध कार्य का ज्ञान होना चाहिए l लेकिन वह कठिन और चुनौति पूर्ण जीवन यापन की अपेक्षा सुगम और सरल जीवन यापन करना अधिक पसंद करता है l कई बार अभिभावक की अनदेखी और कुसंगति में पड़कर वह अनुचित मार्ग की ओर भी अग्रसित हो जाता है l अगर समय रहते अभिभावक बच्चे का उचित मार्गदर्शन करें तो वह उस संकट से बच भी सकता है l
श्रेणी: किशोर अवस्था
-
श्रेणी:किशोर अवस्था
किशोर अवस्था