विश्वभर में विभिन्न प्राणियों की अनेकों जातियां पाई जाती हैं l उनमें मानव भी एक जाति है जो अन्य प्राणियों से भिन्न है - दो हाथ, दो पैर, मुंह, नाक, कान, आँखें अर्थात वह पांच कर्मेन्द्रियाँ पांच ज्ञानेन्द्रियाँ, मन, बुद्धि, अहंकार का स्वामी है l जैसे गाये को भैंस और भैंस को बकरी नहीं बनाया जा सकता उसी प्रकार मनुष्य को किसी अन्य जाति में परिवर्तित नहीं किया जा सकता l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: 1 मानव जीवन
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श्रेणी:1 मानव जीवन
मानव जाति
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श्रेणी:परिवार
परिवार
जिस परिवार में आपसी प्रेम, सोहार्द व् शान्ति नहीं, उस घर की समस्त सुख-सुविधाएं किस काम की l
परिवार एक वह ठोस इकाई है जिससे समाज, राष्ट्र और विश्व की संरचना होती है l
पारिवारिक मतभेदों को परिवार में ही समाप्त कर लेना बुद्धिमानी का कार्य ही l पारिवारिक झगड़ों से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, बचना चाहिए l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सन्तान बेटी – बेटा
घर तीर्थ
जो सन्तान अपने माता-पिता की सेवा करती है, उसे किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं, वह घर स्वयं तीर्थ बन जाता है l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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