चेतन आत्मोवाच 3 :-
कभी-कभी ऐसा हो गया, भ्रम में अँधेरा, प्रकाश हो गया l
अँधेरा तो अँधेरा ही रहा, पर मनः तू भ्रष्ट राही हो गया ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
चेतन आत्मोवाच 3 :-
कभी-कभी ऐसा हो गया, भ्रम में अँधेरा, प्रकाश हो गया l
अँधेरा तो अँधेरा ही रहा, पर मनः तू भ्रष्ट राही हो गया ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
चेतन आत्मोवाच 2 :-
ले लेना तू उत्तम विद्या नीच से, दूषित कुल से स्त्री रत्न l
कह गया कोई संत प्यारा, मनः हर्ज नहीं करना ऐसा यत्न ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
चेतन आत्मोवाच 1 :-
जाप सके तो जाप ले तू, ॐ ॐ हर साँस l
फिर क्या जाप पायेगा, मनः निकल जाएगी तेरी हर साँस ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"