- # शूद्र वह कलाकार है जो अपनी हस्त कला से मिट्टी, पत्थर, लकड़ी को भी साक्षात चित्र/मूर्ती, वस्तु, भवन, सेतु में बदल सकता है।*
- # जो व्यक्ति सत्य, धर्म, न्याय और नीति के हित में अपनी कला - विद्या का सृजन, पोषण, वर्धन करता है, शूद्र कहलाता है।*
- # शूद्र वर्ण संपूर्ण मानव समाज को हस्त - ललित कला, विद्या कौशल से समृद्ध करता है।*
श्रेणी: 1 अखंड भारत
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श्रेणी:शूद्र-कर्मवीर
शूद्र-कर्मवीर
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श्रेणी:व्यवस्था
व्यवस्था
# जिस व्यवस्था में असत्य, अधर्म, अन्याय और अनीति का बोलबाला हो उसे बदल देने में ही जन, समाज और राष्ट्र का हित है।*
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श्रेणी:नागरिक कर्तव्य
प्रत्याशी
# ऐसे प्रत्याशी को वोट देने से क्या लाभ जो न तो सत्यनिष्ठ है न धर्मपरायण, न न्यायप्रिय है और न ही नीतिवान ।*
सम्मान की आशा –
# जो व्यक्ति या उसका विचार हमारे देश और धर्म का अपमान करता है, वह हम से अपने सम्मान की आशा कैसे कर सकता !*
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श्रेणी:वैश्य – धर्मवीर
वैश्य – धर्मवीर
- # वैश्य वर्ण मानव समाज में आर्थिक सुख - समृद्धि लाता है ।*
- # जो व्यक्ति सत्य, धर्म, न्याय और नीति के हित में अपनी कमाई का कुछ अंश दान करता है, वैश्य कहलाता है ।*
- # वैश्य वह कलाकार है जो अपनी कला से मिट्टी को भी सोने में बदल सकता है ।*