चेतन आत्मोवाच 60 :-
कर्म करती चक्की सम, देखी मैंने भारतीय नारी है l
भैंसे सम पीटता है क्यों ? मनः तेरी खो गई अक्कल सारी है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
भारतीय नारी
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
चैन की वंशी
चेतन आत्मोवाच 59 :-
चैन की बंशी बजेगी, जब भ्रष्टाचार का होगा दूर अँधेरा l
सदाचार का पालन करेगा बच्चा-बच्चा, मनः होगा फिर नया सवेरा ll
चेतन कैशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
शूल-अंगार
चेतन आत्मोवाच 58 :-
बढ़ा दिए तूने कदम तो सहन कर शूल-अंगार भी l
मन बड़ा अड़ियल घोड़ा मनः भर थोड़ी सी हुंकार भी ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
जाति
चेतन आत्मोवाच 57 :-
कौन सी जाति ? क्या है जाति ? है नहीं इससे तेरा कोई वास्ता l
है हर एक बन्दा खुदा का बन्दा , मनः है यही प्रेम का रास्ता ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
हित की बात
चेतन आत्मोवाच 56 :-
सदा चोट खाता है, तू बातों में गैरों की आ जाता है l
तेरे हित की होती हैं अपनी, मनः बात हितैषी की भूल जाता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"