चेतन आत्मोवाच 30 :-
मिट्टी का खिलौना है तू, पर ये तो भूल गया है l
हड्डी, लकड़ी, कोयला यहाँ, मनः सब धूल बन गया है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
मिट्टी का खिलौना
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
इन्सान था
चेतन आत्मोवाच 29 :-
इंसान था मगर तूने खुद से खुद बैर किया है l
खुदा तो खुद बन बैठा है, मनः खुद को तूने भुला दिया है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
प्रार्थना-भजन
चेतन आत्मोवाच 28 :-
प्रार्थना, भजन होता है मन से, मन मंदिर के बंद किवाड़ खोल l
स्पीकर, बाजे, चिमटे छैनें फैंक परे, मनः तू देवालय में उच्च न बोल ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
दुखिया
चेतन आत्मोवाच 27 :-
दुखिया को दुःख न दे, वह तो दुःख का मारा है l
मरे को मारना भला क्या ? मनः उसका नहीं कोई सहारा है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
न कर साथ
चेतन आत्मोवाच 26 :-
झूठ, चोरी, चुगली का तू कभी न करना साथ l
उच्च जीवन नहीं बनता इनसे, मनः पीछे न मलना हाथ ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"