चेतन आत्मोवाच 20 :-
ठोकर बड़ी होती है, बड़ा तू नहीं इंसान l
जब तुझको ठोकर लगी , तब होश आई है इन्सान ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: चेतन आत्मोवाच
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
ठोकर
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
धीरे-धीरे
चेतन आत्मोवाच 19 :-
खाना है तो ठंडा करके होंठ नाजुक जलते हैं l
काम अच्छा होता धीरे-धीरे, मनः शहद के भी छत्ते भरते हैं ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
जगत की रीत
चेतन आत्मोवाच 18 :-
पैदा हुआ सो मिट जायेगा, है यही जगत को रीत l
झूठी है हर वस्तु यहाँ, मनः ज्यादा न बढ़ा प्रीत ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
घर
चेतन आत्मोवाच 17 :-
ओह ! चेहरा भीग गया है, क्यों आंसू गिराती हैं आँखें l
यहाँ घर अपना नहीं है किसीका, मनः तू भर न यों ही आहें ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
मुसीबत
चेतन आत्मोवाच 16 :-
मुसीबत की कोई मजाल नहीं, शक्ति तो तेरी भुजाओं में है l
चाहे तो उनका मुकाबला कर, मनः हिम्मत तो तेरे दिल में है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"