मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: चेतन विचार

  • श्रेणी:

    नभचर

    अन्न देख कर जो चहकने लगते हैं, खाने के लिए वे अपनें साथी एवं मित्रों को अपने पास बुला लेते हैं और वे सब आपस में मिल बांटकर खाते हैं, उन्हें नभचर कहते हैं।


  • श्रेणी:

    सम्भलने का समय

    अन्न के कण और भजन के क्षण का मोल, मनुष्य तब क्या समझेगा, जब उसके पास संभलने के लिए समय नहीं रहेगा।


  • श्रेणी:

    सद्भावना और दुर्भावना

    सद्भावना और दुर्भावना में मात्र इतना अंतर है, सद्भावना गैर को अपना बनाती है जबकि दुर्भावना से ऐसा नहीं होता है।


  • श्रेणी:

    युवा दृष्टि

    वासुधैव कुटुम्बकम् या बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय का अर्थ युवावर्ग तभी समझ पाएगा, जब उसकी दृश्टि घर-परिवार से ऊँची होकर समाज और विश्व को निहारने में सक्षम हो जाएगी।


  • श्रेणी:

    परिवार

    परिवार एक वह ठोस इकाई है, जिससे समाज, राष्ट्र और विश्व की संरचना होती है।