मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: विचारकों के कथन

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

     

    हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो और जीतना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने आप से हो।

  • श्रेणी:

    मोरारजी देसाई

     

    जब तक भारत का राजकाज अपनी भाषा में नहीं चलेगा, तब तक हम यह नहीं कह सकते कि देश में स्वराज है।

  • श्रेणी:

    कन्फ्युशियस

     

    एक बेहतर आदमी भाषण देने में कमजोर हो सकता है, लेकिन व्यवहार के जरिए वह अपनी काबिलीयत साबित करता है।

  • श्रेणी:

    राल्फ वाल्डो इमर्सन

     

    वहां मत जाइए, जहां रास्ता ले जाए बल्कि वहां जाइए, जहां कोई रास्ता नहीं है और वहां अपने निशान छोड़ जाइए।

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

     

    मेरे राष्ट्र की अखंडता में जो बाधक होगा, उसका मैं सर्वनाश करूंगा और स्वयं स्वर्ग के देवता भी मेरा मार्ग नहीं रोक सकते।