मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: विचारकों के कथन

  • श्रेणी:

    महात्मा गांधी

    विचारकों के कथन :-

    अपने प्रयोजन में दृढ़ संकलप रखने वाला एक सूक्षम शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
    - महात्मा गांधी

  • श्रेणी:

    विनोबा भावे

    विचारकों के कथन :-

    जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया।
    -विनोबा भावे

  • श्रेणी:

    लोकमान्य तिलक

    विचारकों के कथन :-

    शरीर को रोगी और निर्बल रखने के सामान दूसरा कोई पाप नहीं है।
    - लोकमान्य तिलक

  • श्रेणी:

    विनोबा भावे

    विचारकों के कथन :-

    जब तक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती, तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है।
    - विनोबा भावे

  • श्रेणी:

    मुंशी प्रेमचंद

    विचारकों के कथन :-

    मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।
    - मुंशी प्रेमचंद