श्रेणी: विचारकों के कथन
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जयशंकर प्रसाद
Categories: विचारकों के कथनविचारकों के कथन :-पाषाण के भीतर भी मधुर स्रोत होते हैं।, उसमें मदिरा नहीं, शीतल जल की धारा बहती है।- जयशंकर प्रसाद
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स्वामी आर्यवेश
Categories: विचारकों के कथनविचारकों के कथन :-अच्छे के साथ अच्छे बनें, बुरे का साथ छोड़ दें, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।- स्वामी आर्यवेश
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आचार्य श्रीराम शर्मा
Categories: विचारकों के कथनविचारकों के कथन :-मानसिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि हृदय को घृणा से और मन को भय व चिंता से मुक्त रखा जाए।- आचार्य श्रीराम शर्मा
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श्रीराम शर्मा
Categories: विचारकों के कथनविचारकों के कथन :-भजन और प्रार्थना जीभ से नहीं, हृदय से होते हैं।- श्रीराम शर्मा
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जय शंकर प्रसाद
Categories: विचारकों के कथनविचारकों के कथन :-दरिद्रता सब पापों की जननी है तथा लोभ उसकी संतान है।- जय शंकर प्रसाद