
जब तक काम हो न जाए, वह असम्भव लगता है।
स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया, लेकिन कुछ स्वर्थी लोगों के कारण हमें वास्तविक आजादी नहीं मिली है।
जब तक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती, तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है।