मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: विचारकों के कथन

  • श्रेणी:

    आचार्य चाणक्य

     

    हमें भूत के वारे में पछतावा नहीं करना चाहिए न ही भविष्य के वारे में चिंतित होना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।

  • श्रेणी:

    स्वामी रामतीर्थ

     

    केवल प्रकाश का अभाव ही अंधकार नहीं है, प्रकाश की अति भी मनुष्य की आंखों के लिए अंधकार है।

  • श्रेणी:

    स्वामी आर्यवेश

     

    अच्छे के साथ अच्छे बनें, बुरे का साथ छोड़ दें, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।

  • श्रेणी:

    शरतचंद्र चट्टोपाध्याय

     

    जो शक्षा मनुष्य को संकीर्ण और स्वार्थी बना देती है, उसका मूल्य किसी युग में चाहे जो रहा हो, अब नहीं है।

  • श्रेणी:

    नेल्सन मंडेला

     

    मुझे सफलताओं से मत आंकिये, बल्कि जितनी बार गिरा हूं और गिरकर उठा हूं, उस बल पर आंकिये।