यहाँ घर न तेरा है न मेरा है, चिड़ियों का रैन बसेरा है l
श्रेणी: सशक्त मानव
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श्रेणी:सशक्त मानव
इंसान
इन्सान बना वही, लिया जिसने खुद को पहचान 1
फूंक-फूंककर हर कदम चले, मनः दाग से बचे चरित्रवान 11
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सशक्त मानव
श्रेष्ठ साहित्य
श्रेष्ठ साहित्य है कामधेनु, दूध सम देता है शक्ति l
ज्ञानी की बात छोड़ो, मनः मुर्ख भी करने लगता है भक्ति l
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:सशक्त मन – धैर्यशील मन
मानसिक विकार
चेतन आत्मोवाच 77 :-
काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार l
इधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
सहारा
चेतन आत्मोवाच 74 :-
सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है l
जहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"