चेतन आत्मोवाच 44 :-
बातों में उनको न लगा, तू मुर्ख क्यों बनता है ?
रह मग्न तू अपने कर्म में. मनः जीवन सफल बनता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: सशक्त मानव
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
जीवन की सफलता
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
लोकहित में
चेतन आत्मोवाच 43 :-
लोकहित की बात, कर्म कर, सुन और बोल l
दिव्य शक्ति साथ तेरे, मनः फिर न तू डोल ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
स्वावलम्बन
चेतन आत्मोवाच 42 :-
छोटी-छोटी जरूरत पूरी करता चल, एक दिन स्वावलंबी हो जायेगा l
मेहनत करता चल तू, मनः धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
नीली चादर तले
चेतन आत्मोवाच 41 :-
ऊपर नीली चादर, खड़ा तू तपती जमीन पर l
तूने करना है क्या ? मनः किधर है ? तेरी डगर ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
बुराई
चेतन आत्मोवाच 40 :-
पहले उनको न देख, खुद को ही देख l
खुद की कर दूर बुराई, मनः उनकी अच्छाई देख ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"