मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: सशक्त मानव

  • श्रेणी:

    दिल से दिल

    चेतन आत्मोवाच 69 :-

    रात काली कट जाती है, सूर्य ले आता है सवेरा l
    दिल से दिल मिलता है, मनः छंट जाता है गम का अन्धेरा ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    आग

    चेतन आत्मोवाच 68 :-

    तरह-तरह का जलना है, तरह-तरह की है आग l
    जिन्दा जलाती चिंता तुझको, मनः मुर्दा भस्म करती है आग ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    परिश्रम बिना



    खोज जिसे होती है, मंजिल पा ही लेता है l
    परिश्रम बिना जो ढूंढता है, मनः जीवन नष्ट कर लेता है ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"


  • श्रेणी:

    सदाचार



    मुसीबत में करते जो आह नहीं, बुझने नहीं देते जो योगाग्नि को l
    सदाचार होता है संग उनके, मनः सतगुरु पार भव सागर ले जाने को ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"

  • श्रेणी:

    मेहनत



    कली बनता गुल, गुल खिलता है काँटों में l
    अभ्यास बनता है मेहनत, मनः होती नहीं मेहनत बातों में ll
    चेतन कौशल "नूरपुरी"