चेतन आत्मोवाच 19 :-
खाना है तो ठंडा करके होंठ नाजुक जलते हैं l
काम अच्छा होता धीरे-धीरे, मनः शहद के भी छत्ते भरते हैं ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: सशक्त मानव
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
धीरे-धीरे
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
जगत की रीत
चेतन आत्मोवाच 18 :-
पैदा हुआ सो मिट जायेगा, है यही जगत को रीत l
झूठी है हर वस्तु यहाँ, मनः ज्यादा न बढ़ा प्रीत ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
घर
चेतन आत्मोवाच 17 :-
ओह ! चेहरा भीग गया है, क्यों आंसू गिराती हैं आँखें l
यहाँ घर अपना नहीं है किसीका, मनः तू भर न यों ही आहें ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
मुसीबत
चेतन आत्मोवाच 16 :-
मुसीबत की कोई मजाल नहीं, शक्ति तो तेरी भुजाओं में है l
चाहे तो उनका मुकाबला कर, मनः हिम्मत तो तेरे दिल में है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:आत्म स्वराज – आत्म नियंत्रण
समय बहता जल
चेतन आत्मोवाच 15 :-
समय बहता जल है, बहता ही जाता है l
राही बढ़ता चल कठिनाई में, मनः बहता जाता गाता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"