श्रेणी: चेतन विचार
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सम्भलने का समय
Categories: चेतन विचारअन्न के कण और भजन के क्षण का मोल, मनुष्य तब क्या समझेगा, जब उसके पास संभलने के लिए समय नहीं रहेगा।
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सद्भावना और दुर्भावना
Categories: चेतन विचारसद्भावना और दुर्भावना में मात्र इतना अंतर है, सद्भावना गैर को अपना बनाती है जबकि दुर्भावना से ऐसा नहीं होता है।
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युवा दृष्टि
Categories: चेतन विचारवासुधैव कुटुम्बकम् या बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय का अर्थ युवावर्ग तभी समझ पाएगा, जब उसकी दृश्टि घर-परिवार से ऊँची होकर समाज और विश्व को निहारने में सक्षम हो जाएगी।
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परिवार
Categories: चेतन विचारपरिवार एक वह ठोस इकाई है, जिससे समाज, राष्ट्र और विश्व की संरचना होती है।
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सनातन जीवन पद्धति
Categories: चेतन विचारचेतन विचार :- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति करना ही मनुष्य जीवन की सनातन जीवन पद्धति है, होनी चाहिए। इसके बिना उसका जीवन व्यर्थ है।