चेतन आत्मोवाच 70 :-
गिरती बूंद नदी में बह जाती है संग जलधार l
जीना-मरना खेल है, मनः नहीं जीत, यहाँ न किसी की हार ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
श्रेणी: स्व रचित रचनाएँ
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
जीना-मरना
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
दिल से दिल
चेतन आत्मोवाच 69 :-
रात काली कट जाती है, सूर्य ले आता है सवेरा l
दिल से दिल मिलता है, मनः छंट जाता है गम का अन्धेरा ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
आग
चेतन आत्मोवाच 68 :-
तरह-तरह का जलना है, तरह-तरह की है आग l
जिन्दा जलाती चिंता तुझको, मनः मुर्दा भस्म करती है आग ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
परिश्रम बिना
चेतन आत्मोवाच 67 :-
खोज जिसे होती है, मंजिल पा ही लेता है l
परिश्रम बिना जो ढूंढता है, मनः जीवन नष्ट कर लेता है ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
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श्रेणी:चेतन आत्मोवाच
सदाचार
चेतन आत्मोवाच 66 :-
मुसीबत में करते जो आह नहीं, बुझने नहीं देते जो योगाग्नि को l
सदाचार होता है संग उनके, मनः सतगुरु पार भव सागर ले जाने को ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"