मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



श्रेणी: अमर उजाला

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    3. मेहनत

    अमर उजाला 4 अप्रैल 2007

    कली से बनते हैं फूल
    खिलते हैं फूल कांटों में
    अभ्यास बनती है मेहनत
    रहती नहीं है मेहनत बातों में
    खोज जिसे होती है
    मंजिल पा ही लेता है
    बिना परिश्रम किए जो ढूंढता है
    अपना समय नष्ट कर लेता है
    मेहनत से मिलता है मान
    मेहनत से बनती है शान
    पहचान बनाती मेहनत अपनी
    मेहनत से मिलता है भगवान


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    2. सुख – शांति का रास्ता

    अमर उजाला 30 मार्च 2007

    जातियां होती हैं जीव जंतुओं की
    मनुष्य नर नारी की नहीं
    करके जातिगत बंटवारा समाज का
    पा सकता तू सुख शांति नहीं
    कौन सी जाति क्या है जाति
    इससे नहीं है तेरा कोई वास्ता
    हर प्राणी है रूप ईश्वर का
    सुख शांति का और न कोई रास्ता



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    1. बोल सके तो

    अमर उजाला 13 फरवरी 2007                      

    बोल सके तो बोल प्यारे
    मीठे बोल तू बोल
    कीमती बोल तू बोल प्यारे
    बोल संभल कर बोल
    फूल मुरझा जाते हैं अक्सर
    कली सदा रहती नहीं
    घाव तलवार के भर जाते हैं
    मगर बात कड़वी मिटती नहीं