चेतन आत्मोवाच 38 :-
लूट सके तो लूट ले तू, भरा है ज्ञान का भंडार l
है प्रकृति अमोल खजाना, मनः कर ले तू उससे प्यार ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
चेतन आत्मोवाच 38 :-
लूट सके तो लूट ले तू, भरा है ज्ञान का भंडार l
है प्रकृति अमोल खजाना, मनः कर ले तू उससे प्यार ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"
प्रातिक्रिया दे