मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



रविदन्दन शास्त्री

 

श्री हरि नाम संकीर्तन साक्षात भगवान का स्वरूप है। भगवान का सिमरण ही मुक्ति का द्वार है। योग आत्मा और परमात्मा का मिलाप है।