मानवता सेवा की गतिविधियाँ
चेतन कौशल
चेतन आत्मोवाच 77 :-काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार हैं सब नर्क के द्वार lइधर कहते हैं संत प्यारे, मनः उधर बताते हैं गुरुद्वार llचेतन कौशल "नूरपुरी"
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