मानवता

मानवता सेवा की गतिविधियाँ



भेंट देने के बाद

चेतन आत्मोवाच 63 :-

कुछ मिलता है, भेंट देने के बाद l
तोडना पड़ता है नाता, मनः भुलानी पड़ती है याद ll
चेतन कौशल "नूरपुरी"

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